प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली में ऑर्ड-ईवन लागू किया गया और कारों को बंद कर दिया और टूव्हीलर चलते रहे। उन्होंने कहा कि 2004 में दिल्ली में 40 लाख वाहन थे और 2019 एक करोड़ दस लाख वाहन सड़कों पर आ गए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सड़कों पर 70 लाख वाहन बढ़ें क्योंकि डीटीसी ने दस सालों में एक भी बस नहीं खरीदी। दिल्ली सरकार ने तीन महीनों में 100 बसें खरीदने का ड्रामा किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को ठीक नहीं कर पाई इसलिए लोगों ने टूव्हीलर खरीदे।
दिल्ली में प्रदूषण की दूसरी सबसे बड़ी वजह सड़कों में जाम है। पांच साल में दिल्ली में एक भी सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। प्रवेश वर्मा ने कहा कि कांग्रेस की सीएम शीला दीक्षित ने जो सड़के बनाई थी, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक भी सड़क नहीं बनाई है। इतना ही नहीं इंडस्ट्रियल एरिया को लेकर कोई पॉलिसी नहीं बनाई जो प्रदूषण बढ़ने की एक बड़ी वजह है। प्रवेश वर्मा ने कहा, मैंने शीला दीक्षित जी के दो अच्छे काम बता दिए तो उस पर कांग्रेस को दिक्कत है। प्रदूषण पर बहस के दौरान आप का एक सांसद बहस के दौरान मौजूद नहीं है। मैं भगवत मान से पूछना चाहता था कि पराली के बारे में आपका क्या कहा है। पराली उस क्षेत्र में सबसे ज्यादा जलाई जाती है जहां 34 विधायकों में से 19 विधायक आप के हैं।
संसद में वायु प्रदूषण पर बोली भाजपा- दिल्ली के मुख्यमंत्री खुद प्रदूषण हैं
संसद में वायु प्रदूषण पर बोली भाजपा- दिल्ली के मुख्यमंत्री खुद प्रदूषण हैं
लोकसभा में दिल्ही के वायु प्रदुषण को लेकर चर्चा के दौरान दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने संसद में प्रदूषण पर बहस में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री पराली को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं और खुद विज्ञापन पर 600 करोड़ विज्ञापनों पर खर्च कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि, दिल्ली में प्रदूषण की मुख्य वजह वाहन है। दिल्ली में 200 दिन गंभीर प्रदूषण होता है। पराली सिर्फ 40 दिन जलती है। उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री खांसते थे और आज पूरी दिल्ली खांसती है। प्रवेश वर्मा ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री खुद प्रदूषण हैं।